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नवरात्रि का चौथे दिन: मां कूष्मांडा की पूजा कैसे करे (Navratri Maa Kushmanda puja vidhi)
नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा की जाती है | मां कूष्मांडा के आठ भुजा है इसलिए मां को अष्टभुजा देवी भी कहते है | मां कूष्मांडा का मतलब कुम्हड़ा है वह फल जिससे पेठा बनाया जाता है | कुम्हड़ा (कद्दू) की बलि देने से देवी मां कूष्मांडा बेहद प्रसन्न होती हैं | मां कूष्मांडा सूर्य के समान तेज वाली देवी हैं। मां कूष्मांडा का निवास स्थान सूर्यमंडल के बीच में माना जाता है। मां के एक हाथ में जपमाला और अन्य सातों हाथों में धनुष, कमंडल, बाण, अमृत पूर्ण कलश, कमल,चक्र और गदा होती है। हिन्दु धर्म के अनुसार मां कूष्मांडा की पूजा करने से बुद्धि का विकास और जीवन में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
मां कूष्मांडा की पूजा विधि (Maa Kushmanda Puja vidhi)
मां कूष्मांडा पूजा की शुरूवात इस प्रकार कर सकते है | सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें स्नान के बाद पीले या हरे वस्त्र धारण करें क्योंकि मां को यह रंग बहुत ही प्यारा है। वस्त्र धारण करने के बाद कलश की पूजा कर माता कूष्मांडा को नमन करें। मां कूष्मांडा को कुमकुम, मौली, अक्षत अर्पित करें। इसके बाद मालपुआ का भोग लगाएं और फिर जल अर्पित करें। फिर एक पान के पत्ते में थोड़ा सा केसर लें और देवी मां के मंत्रों का जाप करते हुए देवी मां को अर्पित करें | मां कूष्मांडा को पीले रंग के फूल अर्पण करें | मां कूष्मांडा के सामने घी का दीपक जलाएं | मां कूष्मांडा की विधि-विधान से की गई पूजा अच्छी सेहत प्रदान करती है।
मां कूष्मांडा का शुभ रंग (Maa Kushmanda ka shubh colour) : मां कूष्मांडा को हरा (Green) और पीला (Yellow) रंग (Colour) बहुत पसंद है | अतः मां की पूजा करते समय हरे और पीले रंग के कपडे पहने |
मां कूष्मांडा को किस का भोग लगाये (Maa Kushmanda Bhog): मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाये |
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